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भगवती जगदंबा की कृपा से लक्ष्मीपुत्र एकवीर और राजकुमारी एकावली के विवाह की कथा

पूर्वकाल में हरीवर्मा नाम के एक राजा रहते थे । हरिवर्मा ने  भगवान विष्णु के जैसे पुत्र प्राप्ति के लिए 100 वर्षों तक घोर तपस्या की थी । तब भगवान विष्णु  और देवी लक्ष्मीने अश्व का रूप धारण करके एक… Read More ›

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पुत्र एकवीर की कथा

एक समय की बात है, भगवान विष्णु ने अपने प्राणों से भी प्रिय पत्नी लक्ष्मी जी को, घोड़ी होने का शाप दे दिया था । इसी कारणवश, लक्ष्मी जी घोड़ी बनकर कर यमुना और तमसा नदी के , संगम स्थान… Read More ›

लक्ष्मी जी का घोड़ी के रूप में महादेव की तपस्या करने की कथा

एक समय की बात है भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी को घोड़ी होने का शाप दे दिया । भगवान विष्णु की प्रत्येक लीला में रहस्य होता है । अपने हर कार्य का कारण वे अच्छी तरह से जानते हैं ।… Read More ›

देवी जगदंबा के अंश से उत्पन्न बालकद्वारा भृगुवंशी ब्राह्मणों की रक्षा की कथा

भृगुवंशी ब्राह्मण क्षत्रियों के यजमान थे । हैहयवंश में कार्तवीर्य  नाम के एक महान राजा हुए । भगवान दत्तात्रेय द्वारा कार्तवीर्य ने देवी जगदंबा के मंत्र की दीक्षा ली थी ।  भगवती जगदंबा राजा कार्तवीर्य की इष्टदेव थी । राजा… Read More ›

वशिष्टजी का मैत्रावारुणि नाम क्यों पड़ा

महर्षि वशिष्ठ राजा निमि के कुल गुरु थे । एक समय की बात है राजा निमि ने एक राजसी यज्ञ करने का संकल्प लिया । इस यज्ञ की अवधि 5 वर्ष की थी ।  राजा ने इस यज्ञ के लिए… Read More ›

जानिए क्यों अगस्त्यमुनि ने इंद्र पद पर नियुक्त नहुष को सर्प होने का शाप दिया था

बहुत पहले की बात है, इंद्र ने त्वष्ठा के पुत्र वृत्रासुर की हत्या कर दी थी । उस समय वृत्रासुर स्वर्ग का राजा था और भगवान विष्णु के सलाह अनुसार इंद्र वृत्रासुर से मित्रता करके रह रहे थे । एक… Read More ›

भगवती जगदंबा की कृपा से शचि को अपने पति इंद्र के दर्शन की कथा

बहुत पहले की बात है वृत्रासुर नाम के  दैत्य ने देवराज इंद्र से  स्वर्ग छीन लिया था ।  देवताओं के  स्वर्ग से  बाहर निकाल कर दिया था । भगवान विष्णु के कहने पर देवताओं ने वृत्रासुर से इंद्र की मित्रता… Read More ›

क्यों होना पड़ा था सर्पों को जनमेजय के यज्ञ में भस्म और क्यों कि थी आस्तिक मुनि ने उस यज्ञ में सर्पों की रक्षा

कश्यप मुनि की दो पत्नियां थी कद्रू और विनीता । कद्रू सर्पोंकी माता थी और विनीता गरुड़ की । एक समय की बात है भगवान सूर्य के रथ में जोते हुए अश्व को देखकर कद्रू ने मैं विनीत से कहा… Read More ›

जानिए क्यों किया था जनमेजय ने सर्प यज्ञ

अभिमन्यु पुत्र परीक्षित ब्राह्मण कुमार के श्राप के कारण तक्षक नाग के काटने से मारे गए थे । परीक्षित की मृत्यु के बाद उनके पुत्र जनमेजय को राजा बनाया गया । जनमेजय ने कृपाचार्य से धनुर्वेद और अन्य सारे विद्याओं… Read More ›

सूरथ नाम के राजा और समाधि नाम के वैश्य पर देवी की कृपा की कथा

बहुत पहले की बात है सूरथ नाम के एक राजा थे जो प्रजा का अपने पुत्रों की तरह पालन करते थे । एक समय सूरत राजा की दुश्मनी कोला विध्वंसी नाम के क्षत्रियों से हो गई ।  युद्ध में सेना… Read More ›