Month: नवम्बर 2020

सत्यव्रत नाम के ब्राह्मण का देवी के मंत्र के प्रभाव से विद्वान होने की कथा

कोसल देश में देवदत्त नाम का एक ब्राह्मण रहता था । संतान नहीं होने के कारण वह ब्राह्मण अति दुखी था । संतान प्राप्ति के उद्देश्य से देवदत्त ने पुत्रेष्टि यज्ञ करने का निर्णय किया और  नदी के तट पर… Read More ›

जनिये कैसे बनादिया था आदिशक्ति ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को स्त्री

जब सारी सृष्टि को अपने मे समेट कर भगवान विष्णु शेष की शैय्या पर सोये हुए थे तब उनके कान के मल से मधु और कैटभ नाम के दो दैत्य उत्पन्न हुए । इन दैत्यों ने देवी पराम्बा की आराधना… Read More ›

भीष्म के जन्म की कथा

एक समय की बात है महर्षि वशिष्ठ के यहां अष्ठ वसु पधारे थे । वशिस्ठ ने उन सबका आदर सत्कार किया और सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई । महर्षि के इस आदर सत्कार से सारे वसु अति प्रसन्न हुए ।… Read More ›

महाराज परीक्षित की मृत्यु कैसी हुई थी

महाराज परीक्षित पांडु वंश के बड़े प्रतापी राजा थे । अर्जुन पुत्र अभिमन्यु के ये पुत्र थे । कुरुक्षेत्र के युद्ध होने के छत्तीस वर्ष बाद पांडु पुत्र युधिष्ठिर ने परीक्षित को राज सिंहासन पर बिठा कर स्वयं हिमालय चले… Read More ›

गंगा और शांतनु के विवाह की कथा

महाभिष नाम के एक राजा थे । ये राजा बड़े ही धर्मात्मा थे इन राजा ने अनेक पुण्य कर्म किया था और चमरावर्ती राजा थे । इन राजा ने अनेक सत्कर्म और सौ अश्वमेध यज्ञ किये जिसके फलस्वरूप ये राजा… Read More ›

महर्षि वेदव्यास की उत्पत्ति की कथा

महामुनि पराशर तीर्थयात्रा कर रहे थे । घूमते घूमते वे यमुना नदी के तट पर आए । खेवट को पराशर मुनि जी ने नदी पार करने के लिये कहा । उस समय खेवट भोजन कर रहा था , इसीलिए उनोहनें… Read More ›

सत्यवती की उत्पत्ति की कथा – जो वेदव्यस की माता थी

उपरिचर नामके एक धर्मात्मा राजा थे । चेदिदेश में उनकी राजधानी थी । उनोहनें इंद्र की आराधना की जिससे प्रसन्न होकर इंद्र ने उने एक स्फटिक मणिवाला सुंदर विमान दिया । वे उस विमान पर सदा विचरते रहते इसीसे उनकी… Read More ›

राजा पुरुरवा और उर्वशी का विवाह

 विवस्वान मनु के पुत्र श्राद्धदेव थे , श्राद्धदेव की पत्नी का नाम श्रद्धा था । श्राद्धदेव और श्रद्धा के पुत्र सुधुम्र थे । एक बार सुधुम्र महादेव से शापित वन में चले गए । इस वन को महादेव ने शाप… Read More ›

सुधुम्र राजा को देवी की कृपा से परमधाम की प्राप्ति की कथा

सुधुम्र नाम के एक राजा थे । जो बड़े ही धर्मात्मा थे इनके मुख से कभी भी असत्य वाणी नहीं निकलती थी । एक दिन राजा एक घोड़े पर सवार होकर जंगल में चले गए  , उनके साथ  उनके कई… Read More ›

पुरुरवाकी उत्पत्ति की कथा

 मेरुगिरि के निचले भाग में एक अति सुंदर वन है । इस वन में कई प्रकार के बड़े-बड़े वृक्ष है और कई प्रकार के फल और पुष्प देने वाले बहोत से वृक्ष है । ऐसे वृक्षों और लताओं से भरे… Read More ›

व्यासपुत्र – शुकदेव जी के जन्म की कथा

 एक समय की बात है महर्षि वेदव्यास सरस्वती तट पर स्थित अपने आश्रम पर रहते थे । उनके आश्रम पर दो गौरैया पक्षी रहते थे उन्हें देखकर महर्षि वेदव्यास को बड़ा आश्चर्य हुआ । उन्होंने देखा कि यह पक्षी अभी-अभी… Read More ›

शुकदेव जी के विहाव की कथा

महर्षि वेदव्यास सरस्वती नदी के तटपर अपने आश्रम में निवास करते थे । उनके आश्रम पर स्थित दो गौरैया पक्षियों को अपने बच्चों से लाड प्यार करते देख उनके मन में भी पुत्र प्राप्ति की इच्छा उत्पन्न हुई । तब… Read More ›

श्रीमद देवीभागवत की प्राकट्य की कथा

सरस्वती नदी के तट पर स्थित अपने आश्रम पर महर्षि वेदव्यास अपने पुत्र शुकदेव जी को  विवाह करने के लिए को मना रहे थे । गृहस्थ आश्रम के प्रति उनकी निरसक्ति और इसके कष्टदाई होने की बातों को सुनकर और… Read More ›

शुकदेवजी के गृहत्याग की कथा

शुकदेव जी महर्षि वेद व्यास के औरस पुत्र थे । इनका जन्म महर्षि वेद व्यास के वीर्य का घृताची नाम की स्वर्ग की अप्सरा को देख लकडीपर गिरने से हुआ था । उस वक़्त ओ अप्सरा वेदव्यास जी से डर… Read More ›

मधु कैटभ को देवी के वरदान और उनके साथ भगवान विष्णु के युद्ध की कथा – भाग 2

ब्रह्मा जी को देखकर दोनों दैत्य कहने लगे, तो तू भागकर यहां पर आ गया है और इस चार हाथ वाले पुरुष के सामने खड़ा है । ठीक है हम पहले इस चार हाथ वाले को मारेंगे बाद में तेरा… Read More ›