बहुत पहले की बात है, इंद्र ने त्वष्ठा के पुत्र वृत्रासुर की हत्या कर दी थी । उस समय वृत्रासुर स्वर्ग का राजा था और भगवान विष्णु के सलाह अनुसार इंद्र वृत्रासुर से मित्रता करके रह रहे थे । एक… Read More ›
devi puran
वृत्रासुर द्वारा इंद्रकी पराजय की कथा
त्वष्ठा प्रजापति का त्रिशिरा नाम का एक पुत्र था ,जिसे इंद्र ने तपस्या करते समय पद खोने के भय से ,दुखी होकर अपने वज्र से मार डाला था । अपने पुत्र की इस हत्या का बदला लेने के लिए ,… Read More ›
गंगा और शांतनु के विवाह की कथा
महाभिष नाम के एक राजा थे । ये राजा बड़े ही धर्मात्मा थे इन राजा ने अनेक पुण्य कर्म किया था और चमरावर्ती राजा थे । इन राजा ने अनेक सत्कर्म और सौ अश्वमेध यज्ञ किये जिसके फलस्वरूप ये राजा… Read More ›
महर्षि वेदव्यास की उत्पत्ति की कथा
महामुनि पराशर तीर्थयात्रा कर रहे थे । घूमते घूमते वे यमुना नदी के तट पर आए । खेवट को पराशर मुनि जी ने नदी पार करने के लिये कहा । उस समय खेवट भोजन कर रहा था , इसीलिए उनोहनें… Read More ›
राजा पुरुरवा और उर्वशी का विवाह
विवस्वान मनु के पुत्र श्राद्धदेव थे , श्राद्धदेव की पत्नी का नाम श्रद्धा था । श्राद्धदेव और श्रद्धा के पुत्र सुधुम्र थे । एक बार सुधुम्र महादेव से शापित वन में चले गए । इस वन को महादेव ने शाप… Read More ›
सुधुम्र राजा को देवी की कृपा से परमधाम की प्राप्ति की कथा
सुधुम्र नाम के एक राजा थे । जो बड़े ही धर्मात्मा थे इनके मुख से कभी भी असत्य वाणी नहीं निकलती थी । एक दिन राजा एक घोड़े पर सवार होकर जंगल में चले गए , उनके साथ उनके कई… Read More ›
पुरुरवाकी उत्पत्ति की कथा
मेरुगिरि के निचले भाग में एक अति सुंदर वन है । इस वन में कई प्रकार के बड़े-बड़े वृक्ष है और कई प्रकार के फल और पुष्प देने वाले बहोत से वृक्ष है । ऐसे वृक्षों और लताओं से भरे… Read More ›
व्यासपुत्र – शुकदेव जी के जन्म की कथा
एक समय की बात है महर्षि वेदव्यास सरस्वती तट पर स्थित अपने आश्रम पर रहते थे । उनके आश्रम पर दो गौरैया पक्षी रहते थे उन्हें देखकर महर्षि वेदव्यास को बड़ा आश्चर्य हुआ । उन्होंने देखा कि यह पक्षी अभी-अभी… Read More ›