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शुकदेव जी के विहाव की कथा

महर्षि वेदव्यास सरस्वती नदी के तटपर अपने आश्रम में निवास करते थे । उनके आश्रम पर स्थित दो गौरैया पक्षियों को अपने बच्चों से लाड प्यार करते देख उनके मन में भी पुत्र प्राप्ति की इच्छा उत्पन्न हुई । तब… Read More ›

श्रीमद देवीभागवत की प्राकट्य की कथा

सरस्वती नदी के तट पर स्थित अपने आश्रम पर महर्षि वेदव्यास अपने पुत्र शुकदेव जी को  विवाह करने के लिए को मना रहे थे । गृहस्थ आश्रम के प्रति उनकी निरसक्ति और इसके कष्टदाई होने की बातों को सुनकर और… Read More ›

शुकदेवजी के गृहत्याग की कथा

शुकदेव जी महर्षि वेद व्यास के औरस पुत्र थे । इनका जन्म महर्षि वेद व्यास के वीर्य का घृताची नाम की स्वर्ग की अप्सरा को देख लकडीपर गिरने से हुआ था । उस वक़्त ओ अप्सरा वेदव्यास जी से डर… Read More ›

मधु कैटभ को देवी के वरदान और उनके साथ भगवान विष्णु के युद्ध की कथा – भाग 2

ब्रह्मा जी को देखकर दोनों दैत्य कहने लगे, तो तू भागकर यहां पर आ गया है और इस चार हाथ वाले पुरुष के सामने खड़ा है । ठीक है हम पहले इस चार हाथ वाले को मारेंगे बाद में तेरा… Read More ›

मधु कैटभ को देवी के वरदान और उनके साथ भगवान विष्णु के युद्ध की कथा – भाग 1

मधु कैटभ को देवी के वरदान और उनके साथ भगवान विष्णु के युद्ध की कथा  जब सारी त्रिलोकी जल मय हो गई थी और उस जल में भगवान विष्णु शेषनाग की शैया पर योग निद्रा के अधीन होकर सो रहे… Read More ›

भगवान विष्णु जी के हयग्रीव अवतार की कथा

एक समय की बात है भगवान विष्णु ने 10000 वर्षों तक घोर युद्ध किया । इस युद्ध के बाद थक गए और अपने वैकुंठधाम को आकर समाधि लगा कर अपने धनुष के सहारे सो गए । उसी समय देवताओं की… Read More ›

भगवान विष्णु जी का सर क्यों काट गया था

एक समय की बात है भगवान विष्णु  दैत्यों के साथ 10000 वर्ष तक युद्ध करके थक गए थे । तब वे अपने वैकुंठ धाम में गए और वहां उन्होंने अपने धनुष को जमीन पर रख दिया और पद्मासन लगाकर योग… Read More ›

महर्षि वेदव्यास जी की पुत्र प्राप्ति की इच्छा

एक समय की बात है महर्षि वेदव्यास  सरस्वती नदी के तट पर ,अपने आश्रम पर थे । उनके आश्रम पर दो गौरैया पक्षी रहते थे । उन्हें देखकर वे बड़े आश्चर्यचकित हो गए । उन्होंने देखा कि अभी अभी अंडे… Read More ›

देवी भागवत महात्मय – राजा दुर्दम और उनकी पत्नी रेवती के पुत्र रैवत का मन्वंतर के स्वामी होने की कथा

रुत्वाक मुनी बड़े ही विलक्षण बुद्धि वाले थे । रेवती का चौथा चरण गण्डान्त होता है । इस काल में जन्म लेने के कारण उनका पुत्र अति दुराचारी बन गया और इस कारणवश रुत्वाक मुनि  को बहुत ही दुख और… Read More ›

राजा सुधुम्रके स्त्री बनने और श्रीमद देवी भागवत श्रवण फलस्वरूप सदाके लिए पुरुष बनने की कथा

श्रीमद् देवी भागवत भक्ति और मुक्ति प्रदान करनेवाला महान पुराण है । इसके श्रवण मात्र से मनुष्य के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं और वह आदि शक्ति की भक्ति प्राप्त कर संसार बंधन से मुक्त होने का अधिकारी बन… Read More ›