पूर्व समय की बात है इक्ष्वाकु अयोध्या के राजा थे । राजा इक्ष्वाकु को सूर्यवंश का प्रवर्तक माना जाता है । वंश की वृद्धि के लिए राजा इक्ष्वाकु ने भगवती जगदंबा की बहुत ही कठिन तपस्या की थी । देवर्षि… Read More ›
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अश्विनी कुमारों का सोमरस पान के अधिकार प्राप्ति की कथा
राजकुमारी सुकन्या महाराज शर्याति की पुत्री थी । राजा शर्याति ने अपनी पुत्री सुकन्या का विवाह च्यवन ऋषि से करवाया था । च्यवन ऋषि अंधे थे और बूढ़े भी थे । सुकन्या की अपने पति के प्रति श्रद्धा देखकर अश्विनी… Read More ›
देवी भुवनेश्वरी की कृपा से इंद्र द्वारा वृत्रासुर के वध की कथा
वृत्रासुर नाम का एक दैत्य था , जिसे प्रजापति त्वष्ठा ने ,इंद्रा से आपने पुत्र त्रिशिरा की मृत्यु का बदला लेने के लिए उत्पन्न किया था । वृत्रासुर ने बृह्मा की तपस्या की और उनसे वरदान पाकर वह अति बलशाली… Read More ›
ब्रह्मके वरदान से वृत्रासुर का इंद्र बनने की कथा
इंद्र ने अपने पद खोने के भय के कारण ,प्रजापति त्वष्ठा के पुत्र त्रिशिरा की हत्या कर दी । तब त्वष्ठा ने इंद्र से बदला लेने के लिए यज्ञ करके वृत्रासुर नाम के एक दूसरे पुत्र को उत्पन्न किया ।… Read More ›
वृत्रासुर द्वारा इंद्रकी पराजय की कथा
त्वष्ठा प्रजापति का त्रिशिरा नाम का एक पुत्र था ,जिसे इंद्र ने तपस्या करते समय पद खोने के भय से ,दुखी होकर अपने वज्र से मार डाला था । अपने पुत्र की इस हत्या का बदला लेने के लिए ,… Read More ›