Durga devi

भगवती जगदंबा की कृपा से शचि को अपने पति इंद्र के दर्शन की कथा

बहुत पहले की बात है वृत्रासुर नाम के  दैत्य ने देवराज इंद्र से  स्वर्ग छीन लिया था ।  देवताओं के  स्वर्ग से  बाहर निकाल कर दिया था । भगवान विष्णु के कहने पर देवताओं ने वृत्रासुर से इंद्र की मित्रता… Read More ›

देवी भुवनेश्वरी की कृपा से इंद्र द्वारा वृत्रासुर के वध की कथा

वृत्रासुर नाम का एक दैत्य था , जिसे प्रजापति त्वष्ठा ने ,इंद्रा से आपने पुत्र त्रिशिरा की मृत्यु का बदला लेने के लिए उत्पन्न किया था । वृत्रासुर ने बृह्मा की तपस्या की और उनसे वरदान पाकर वह अति बलशाली… Read More ›

देवी भुवनेश्वरी की कृपा से वेदव्यास द्वारा पांडवों को दिवंगत परिजनों को दिखाने की कहानी

कुरुक्षेत्र के यद्ध के बाद युधिष्टिर हस्तिनापुर के राजा बन गए । धृतराष्ट्रने अठारह वर्षोतक वहीं रहकर अपना कष्टमय जीवन व्यतीत किया । एक दिन धृतराष्ट्र ने अपना शेष जिवन वन में बिताने का निर्णय लिया और अपने इस निर्णय… Read More ›

पुरुरवाकी उत्पत्ति की कथा

 मेरुगिरि के निचले भाग में एक अति सुंदर वन है । इस वन में कई प्रकार के बड़े-बड़े वृक्ष है और कई प्रकार के फल और पुष्प देने वाले बहोत से वृक्ष है । ऐसे वृक्षों और लताओं से भरे… Read More ›

जगदम्बा का दुर्गा नाम कैसे पड़ा

प्राचीन समय मे दुर्गम नाम का एक दैत्य था । वेद देवताओं का बल है और यदि वेद देवताओं के पास ना रहे तो ओ दुर्बल होजाएंगे ये सोचकर उसने वेदों को प्राप्त करनेके लिए,  हिमालय पर जाके ब्रह्मजीकी तपस्या… Read More ›

रक्तबीज का वध

बहोत पहले की बात है , शुम्भ और निशुम्भ नामके दैत्यों ने देवराज इंद्र से त्रिलोकी का राज्य छीन के सारे देवतावों के काम स्वयं ही करने लगे और देवताओं को स्वर्ग से बाहर निकल दिया । तब देवताओं ने… Read More ›

शुम्भ और निशुम्भ का वध

पूर्वकालमे शुम्भ और निशुम्भ नाम के दो रक्षोसो ने देवराज इंद्र से त्रिलोकी का राज्य छीन लिया था और सारे देवताओं को स्वर्गे से बाहर निकल दिया । शुम्भ और निशुम्भ ही सूर्य ,यम,अग्नि,वायु,कुबेर आदि सारे देवताओं के कार्य करने… Read More ›

चंड और मुंड का वध

बहोत पहले की बात है , शुम्भ और निशुम्भ नामके दैत्यों ने देवराज इंद्र से त्रिलोकी का राज्य छीन के सारे देवतावों के काम स्वयं ही करने लगे और देवताओं को स्वर्ग से बाहर निकल दिया । तब देवताओं ने… Read More ›

धूम्रलोचन का वध

पूर्वकाल की बात है शुम्भ और निशुम्भ नाम के दो राक्षसों ने बल के घमंड में आकर देवराज इंद्र के हाथसे तीनों लोगों का राज्यभार  छीन लिया और वही सूर्य चंद्रमा अग्नि वायु आदि सभी देवताओं के कार्य करने लगे… Read More ›

महिषासुर का वध

बहुत पहले की बात है, एक बार देवताओं और दानवों में घोर युद्ध हुआ था , जो 100 वर्षों तक चला था, इस युद्ध में देवताओं  के नायक इंद्र थे और दानवो का नायक महिषासुर था इस युद्ध में देवता… Read More ›