कंस के कोप से देवकी को बचाकर वसुदेवजी अपने घर चले आये । देवकी बड़ी सती-साध्वी थी। सारे देवता उसके शरीरमें निवास करते थे। देवी स्वरूपा देवकी वसुदेवजीके साथ मर्यादाके अनुसार रहने लगीं। उपयुक्त समय आनेपर उन्हें गर्भ रह गया।… Read More ›
कंस के कोप से देवकी को बचाकर वसुदेवजी अपने घर चले आये । देवकी बड़ी सती-साध्वी थी। सारे देवता उसके शरीरमें निवास करते थे। देवी स्वरूपा देवकी वसुदेवजीके साथ मर्यादाके अनुसार रहने लगीं। उपयुक्त समय आनेपर उन्हें गर्भ रह गया।… Read More ›