कृष्ण

कृष्ण भाग १२ – गोकुलमें भगवान्‌का जन्ममहोत्सव

   नन्दबाबा बड़े मनस्वी और उदार थे। पुत्रका जन्म होनेपर तो उनका हृदय विलक्षण आनन्दसे भर गया। उन्होंने स्नान किया और पवित्र होकर सुन्दर-सुन्दर वस्त्रा-भूषण धारण किये। फिर वेदज्ञ ब्राह्मणोंको बुलवाकर स्वस्तिवाचन और अपने पुत्रका जातकर्म-संस्कार करवाया। साथ ही देवता… Read More ›

कृष्ण भाग ११ – कंस का देवकी वासुदेव से क्षमा मांगना और उसके मंत्रियों संग चर्चा

  जब देवी योगमाया कंस के हाथ से छूटकर अपने बाल स्वरूप को त्यागकर अष्टभुजा रूप धारणकर कंस को चेतावनी देकर अंतर्धान होगयी तब देवीकी यह बात सुनकर कंसको असीम आश्चर्य हुआ। उसने उसी समय देवकी और वसुदेवको कैदसे छोड़… Read More ›