भगवान् श्रीकृष्णने अपने साथी ग्वालबालोंको मृत्युरूप अघासुरके मुँहसे बचा लिया। इसके बाद वे उन्हें यमुनाके पुलिनपर ले आये और उनसे कहने लगे— ‘मेरे प्यारे मित्रो! यमुनाजीका यह पुलिन अत्यन्त रमणीय है। देखो तो सही, यहाँकी बालू कितनी कोमल… Read More ›
भगवान् श्रीकृष्णने अपने साथी ग्वालबालोंको मृत्युरूप अघासुरके मुँहसे बचा लिया। इसके बाद वे उन्हें यमुनाके पुलिनपर ले आये और उनसे कहने लगे— ‘मेरे प्यारे मित्रो! यमुनाजीका यह पुलिन अत्यन्त रमणीय है। देखो तो सही, यहाँकी बालू कितनी कोमल… Read More ›